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कांग्रेस में नया चीफ चुनने की घोषणा हो गई है। काफी समय से पार्टी के नेताओं को इसका इंतजार था। जब भी कोई नेता पार्टी छोड़कर जाता, वह एक सवाल जरूर करता कि कांग्रेस में अध्यक्ष का चुनाव काफी समय से नहीं हुआ है। कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद भी पार्टी छोड़कर चले गए।
नई दिल्ली: आंतरिक मतभेदों से जूझ रही कांग्रेस पार्टी में लंबे समय बाद अध्यक्ष पद का चुनाव होने जा रहा है। एक-एक कर पुराने और अनुभवी चेहरे पार्टी से अलग होते जा रहे हैं। हर राज्य में संगठन मुश्किल में दिखाई दे रहा है। चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक देखने को मिल रहा है। इस बीच, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की आज हुई बैठक में फैसला किया गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा और इसकी अधिसूचना 22 सितंबर को जारी होगी। सूत्रों ने बताया कि चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 24 सितंबर को शुरू होगी और इसकी आखिरी तिथि 30 सितंबर होगी।
सीडब्ल्यूसी ने पिछले साल जिस कार्यक्रम को मंजूरी दी थी, उसके मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच पूरी की जानी थी। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी पार्टी की कमान संभाल रही हैं। इस समय सोनिया अपनी चिकित्सकीय जांच के लिए विदेश में हैं। उनके साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी गए हैं।
राहुल पर उठे सवाल, वह अध्यक्ष पद चाहते भी नहीं!
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही पार्टी के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के भविष्य और राहुल गांधी पर सवाल खड़ा करते हुए इस्तीफा दे दिया। सोनिया गांधी ने वर्चुअल तरीके से बैठक की अध्यक्षता की। महत्वपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही कांग्रेस के कुछ नेता राहुल गांधी का नाम उछालने लगे थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने हाल में सार्वजनिक रूप से राहुल गांधी से कांग्रेस अध्यक्ष बनने का आग्रह किया। हालांकि कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनने के अपने रुख पर कायम हैं।
आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘अपरिपक्व और बचकाना’ व्यवहार का आरोप भी लगाया था। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका ‘डीएनए मोदी-मय’ हो गया है।