धार: धरावरा कोविड सेंटर से ले जाते हुए वाहन में मिली दवाइयां

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शिकायत मिलने पर मौके पर पहुँची पुलिस व सिटी मजिस्ट्रेट

आयुर्वेद चिकित्सक के निजी क्लीनिक पर भर्ती मिले पॉजिटिव मरीज, हुई छापामार कार्यवाही, क्लीनिक को किया सील, दर्ज हुई एफआईआर

धार। धरावरा कोविड सेंटर की लगातार शिकायत मिल रही थी। धरावरा कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना के पॉजिटिव मरीजो की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कोविड सेंटर से प्रभारी अधिकारी नदारद रहते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करते हुए मनमानी कर रहे थे। जिले के कोविड प्रभारी मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने धरावरा कोविड सेंटर का ओचक निरीक्षण भी किया था। जिसमें भी लापरवाही खुलकर सामने आई थी। एक बार फिर शिकायत मिलने पर दवाइयां की हेराफेरी से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस हेराफेरी में कोविड सेंटर पर कार्य कर रहे स्टॉफ की मिलीभगत से ही दवाइयां की कालाबाजारी की जा रही होगी। संभवतः पॉजिटिव मरीजो के नाम से आने वाली दवाइयों की कालाबाजारी कर निजी क्लिनिक पर मंहगे दामों में उपयोग की जा रही होगी। सम्पूर्ण मामले की जांच होने के बाद ही सस्थिति स्पष्ट हो सकेगी।


धरावरा कोविड सेंटर की शिकायत मिलने पर मौके पर पहुँची पुलिस व सिटी मजिस्ट्रेट की टीम ने कार्यवाही करते हुए जांच की। जांच के दौरान एक चार पहिया वाहन में सेनेटाइजर व दवाइयां मौके पर मिली। जिसकी जांच की जा रही हैं। जांच के दौरान पता चला कि धरावरा कोविड सेंटर में कार्यरत डॉ घनश्याम जाट आयुर्वेद चिकित्सक जो कि कोविड-19 में तीन महीने कार्य करने के लिए धरावरा सेंटर में कार्यरत है। उक्त दवाइयों की हेराफेरी में स्टोर में पदस्थ कर्मचारी की मिलीभगत सामने आ रही है जिसने दवाइयों का रजिस्टर भी मेनटेन नहीं किया है जो संदेह के दायरे में है।

जांच के दौरान पता चला कि नालछा में आयुर्वेद चिकित्सक के द्वारा निजी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। जानकारी के आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में टीम नालछा पहुंची और अंदर देखने पर एलोपैथी की दवाइयां और मेडिकल स्टोर्स के साथ दवाइयों का जखीरा भी मिला है। जिसकी जांच की जा रही हैं। निजी क्लिनिक में मरीज भी भर्ती मिले। जिनकी कोविड की जांच की जा रही हैं। एक मरीज तो पॉजिटिव था जिसे भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। जबकि नियमानुसार पॉजिटिव मरीज को निजी क्लिनिक में भर्ती नहीं किया जा सकता है।

उक्त निजी क्लीनिक को सील कर दिया गया है और जांच जारी है। मौके पर मिली दवाइयां शासकीय हैं या नहीं यह जांच के बाद ही पता चलेगा। निजी क्लीनिक को सील कर दिया गया है और संबंधित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त निजी क्लीनिक के पास शासकीय अस्पताल भी है और यह सम्पूर्ण मामला ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के संज्ञान में होगा। किन्तु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।

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