By: संजीव ठाकुर
Apna Lakshya News
विगत दिनों भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका,और जापान के मध्य वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित हुआ था जिसमें प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती हैसियत तथा प्रभाव को रोकने के लिए यह चारों देशों ने एकत्र होकर कुछ महत्वपूर्ण सामरिक समझौते किए थे।
जिसमें यह तय हुआ था कि चारों देश भारत से लगे प्रशांत महासागर में साझा नौसैनिक अभ्यास करेंगे। इसी बीच अमेरिका ने अपना सातवा युद्धपोत भारत के सामुद्रिक आर्थिक क्षेत्र में भेज कर भारत तथा अमेरिका के मध्य सामरिक तनाव को बढ़ा दिया था।भारत में विरोध के पश्चात अमेरिका के कुछ अंदरूनी बातें तय हुई और अमेरिका के बीच कुछ तल्खी की तथा बेरुखी कम हुई है।
हालांकि क्वार्ड देशों में प्रांत शामिल नहीं है किंतु प्रांत और भारत के बीच सामरिक समझौते के अंतर्गत फ्रांस ने भारत को 18 विमान राफेल को देकर, भारत को अपना मित्र बना लिया है, एवं ईन दोनों के बीच हुए कई समझौतों के फल स्वरुप अब फ्रांस तथा भारत के बीच सामरिक रूप से महत्व रखने वाला अभ्यास अरब सागर मैं “वरुण 2021” के 19 संस्करण को मूर्त रूप दिया गया है।
25 से 27 अप्रैल तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में भारत की फ्रांस के साथ नौसेना के बढ़ते प्रभाव तथा उनके युद्ध पोतों पनडुब्बियों तथा एयरक्राफ्ट को आजमाने का मौका मिलेगा।भारत तथा फ्रांस संयुक्त रूप से युद्धाभ्यास करके अपनी नौसेना को सतर्क सावधान एवं शक्तिशाली बनाने का प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि यह युद्ध का अभ्यास अरब महासागर तथा प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती हुई विध्वंसकारी नीतियों तथा बढ़ते प्रभाव को रोकने तथा क्षेत्र में शांति सौहाद्र का माहौल बनाने के लिए किया जाएगा।
भारत में सिर्फ इस युद्ध अभ्यास में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा,अपितु भारतीय नौसेना फ्रांसीसी अत्याधुनिक हथियारों से पारंगत भी होगी, इसके बाद बारी बारी से अमेरिका, जापान तथा फ्रांस के साथ अलग-अलग समय में प्रशांत महासागर में युद्ध का अभ्यास करेंगे। भारत की तरफ से रियर एडमिरल अजय कोचर के नेतृत्व में गाइडेड मिसाइल, स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आई एन एस कोलकाता,आई एन एस तारक गाइडेड मिसाइल, स्लीथ सपोर्ट लड़ाकू विमान, आई एन एस दीपक गाइडेड मिसाइल,चेतक हेलीकॉप्टर तथा कलवारी क्लास पनडुब्बियों के साथ युद्ध का मारक अभ्यास करेगा। फ्रांस की तरफ से 473 ग्रुप के रीयर एडमिरल मार्क ओसाद नेतृत्व करेंगे, और उनके साथ होगी फ्रांस की नौसेना के प्रमुख अंग विमान वाहक पोत चाल्र्स दी गाले, राफेल फाइटर जेट, ई 2 हॉक विमान, मल्टी मिशन, फिगेट मिसाइल,और युद्धक टैंकर भी शामिल होंगे।
भारत और फ्रांस अपनी अपनी शक्तियां को बढ़ाने तथा अवलोकन करने हेतु इस युद्धाभ्यास में शामिल हुए हैं।यह युद्ध अभ्यास का 19 संस्करण है। भारत तथा फ्रांस के बीच यह नौसैनिक युद्ध का अभ्यास चीन की अरब सागर तथा प्रशांत महासागर पर बढ़ती विस्तार वादी नीति तथा वै विस्तार वाद् को लाने के विरोध हेतु किया जा रहा है। यह विदित है कि उसके पश्चात भारत, अमेरिका, जापान तथा आस्ट्रेलिया के साथ नियमित रूप से अलग-अलग अंतराल में नौसैनिक अभ्यास भविष्य में करेगा।
क्योंकि चीन की सामुद्रिक शक्ति धीरे धीरे विस्तार लेने लगी थी, और औपनिवेशिक तौर पर चीन की नीति से युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।इसीलिए 4 देशों ने जिनके हित अरब सागर तथा प्रशांत महासागर में निहित है, ने साझा सैन्य अभ्यास का प्रस्ताव क्वाड सम्मेलन में रखा था,जिसके फल स्वरुप जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस तथा अन्य देशों के साथ नौसैनिक युद्धाभ्यास किया जाना है। इस नौसैनिक अभ्यास को चीन के सामुद्रिक सामरिक बढ़ती ताकत को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
वैसे तो कॅरोना संक्रमण के कारण विश्व के अधिकांश देश अमेरिका के सख्त रूप से खिलाफत कर रहे हैं। पर कुछ प्रमुख देश जिनका हित अरब सागर तथा प्रशांत सागर से जुड़ा हुआ है, वे सामरिक रूप से एक-दूसरे के नजदीक आ चुके हैं। इस अभ्यास से भारत एक तरह से अपने मित्र राष्ट्रों की तरफ से सुरक्षित भी हो चुका है, एवं इस अभ्यास से अपने उपकरणों तथा अस्त्र शस्त्रों का अभ्यास तथा आकलन भी हो सकेगा।