By: Abhijeet shrivastava
डीआईजी ने पुलिसकर्मियों को दिया नगद इनाम
भोपाल- कोरोना का इलाज करवा रहे रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी अस्पताल से भागकर घर पहुंच गए।पत्नी और शहर से बाहर रह रहे बेटों ने उन्हें बहुत समझाया,लेकिन वह दोबारा अस्पताल जाने को राजी नहीं हुए।बुधवार-गुरुवार रात उनकी घर में ही मौत हो गई।लोगों में कोरोना महामारी का डर इस कदर समा गया है कि कोई भी परिवार की मदद के लिए आगे नहीं आया।बाद में ऐशबाग थाने से एसआई और आरक्षक ने पीपीई किट पहनकर डेडबॉडी को श्मघाट पहुंचाया और अंतिम संस्कार करवाया।मामला ऐशबाग इलाके का है।एसआई नीलेश अवस्थी के मुताबिक सतीश कुमार वर्मा (63) रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी थे और पत्नी के साथ जगन्नाथ कालोनी रहते हैं।उनकी पत्नी अधिवक्ता हैं।
सतीश का एक बेटा विदेश में रहता है,जबकि दूसरा बेटा हैदराबाद में नौकरी करता है।पिछले दिनों सतीश कोरोना से संक्रमित हुए तो उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।उनके लंग्स में करीब 70 प्रतिशत इंफेक्शन हो चुका था।मंगलवार की रात सतीश अस्पताल से निकलकर अपने घर पहुंच गए।अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें वापस आने का बोला तो उन्होंने उनकी बात नहीं मानी।पत्नी और बेटों की समझाईश का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ।बुधवार को भी दिनभर समझाईश का दौर चलता रहा,लेकिन वह घर से निकलने को तैयार नहीं हुए।इस बीच रात में उनकी मौत हो गई।
डायल 100 को मिली सूचना के बाद पहुंची पुलिस
सतीश के मौत के बाद उनकी पत्नी शव वाहन के लिए परेशान होती रही,लेकिन जब कोई मदद नहीं मिली तो उन्होंने डायल 100 को फोन लगाया।पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि डेडबॉडी कोरोना संक्रमित व्यक्ति की है।इस सूचना के बाद एसआई नीलेश अवस्थी और आरक्षक गजराज ने पीपीई किट पहनी और चार पीपीई किट साथ लेकर सतीश के घर पहुंचे।पुलिस ने आसपास के लोगों से पीपीई किट पहनकर मदद करवाने को कहा,लेकिन कोई व्यक्ति आगे नहीं आया।इसके बाद उन्होंने पत्नी को भी पीपीई किट पहनवाई और डेडबॉडी को लेकर बाहर आए।विश्राम घाट से शव वाहन बुलाकर बॉडी को सुभाष नगर श्मशान घाट पहुंचाया गया,जहां कोरोना संक्रमित अन्य डेडबॉडी का अंतिम संस्कार कर रहे लोगों की मदद से उनका क्रियाकर्म करवाया गया।सतीश की पत्नी ने उन्हें मुखग्नि दी।
डीआईजी ने कर्मचारियों को दिया नकद इनाम
रक्षित निरीक्षक दीपक पाटिल ने ऐशबाग के पुलिस कर्मचारियों की इस कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए उनके उत्साहवर्धन के लिए डीआईजी इरशाद वली को प्रतिवेदन भेजा था।इस पर डीआईजी ने एसआई नीलेश अवस्थी,प्रधान आरक्षक उपेंद्र सिंह बघेल,त्रिभुवन मिश्रा और आरक्षक गजराज इन चारों कर्मचारियों के काम की प्रशंसा करते हुए एक हजार रुपये का नकद पुरस्कार देने के आदेश दिए हैं।