तत्कालीन कोतमा एस डी एम मिलिन्द नागदेवे पर कब होगी कार्यवाही
कोतमा- खबर का असर 1 मार्च को दैनिक अपना लक्ष्य समाचार पत्र में पीड़ित किसानों को मुआवजा वितरण न करने पर इच्छा मृत्यु मांगने पर विवश हो रहा प्रकाशित समाचार को जिला कलेक्टर चंद्र मोहन ठाकुर ने संज्ञान में लेते हुए कोतमा एस डी एम कार्यालय के रीडर विवेकानंद श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है कारण यह था कि एस डी एम कार्यालय के जिम्मेदार पद पर रहते हुए रीडर द्वारा मुआवजा वितरण फाइल गुमा दी गई जिससे आज दिनांक तक पीड़ित किसानों को मुआवजा वितरण नही हो सका इसलिए लापरवाह रीडर को निलंबित कर दिया गया।
यह है पूरा मामला
चार वर्ष पहलेे शहडोल से छत्तीसगढ़ सीमा तक एन एच सड़क निर्माण कार्य किया गया जिसमें कोतमा तहसील अंतर्गत किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी और उसके एवज में मध्यप्रदेश शासन एवं एमपी आर डी सी द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा वितरण करने के साथ ही भूमि अधिग्रहित करने के लिए कोतमा एस डी एम को भू अर्जन अधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन कोतमा के तत्कालीन एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा भूमि तो अधिग्रहित कर ली गई लेकिन मुआवजा राशि अपने दो चहेते किसानों को दी गई जिन्होने अधिग्रहित भूमि पर कभी कृषि कार्य ही नही किया और वास्तविक किसानों को लगातार कार्यालय के चक्कर लगवाते रहें पीड़ित किसानों को परेशान करने वाले तत्कालीन कोतमा एस डी एम एवं वर्तमान में अनूपपुर जिला पंचायत सी ई ओ मिलिन्द नागदेवे पर कब होगी कार्यवाही।
बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार एमपी आर डी सी प्रबंधक द्वारा कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का कल्याणपुर बुढ़ानपुर कोतमा बेलिया छोट रेऊदा डोला के किसानों की भूमि एन एच सड़क नेशनल हाइवे पर अधिग्रहित की गई थी जिसकी मुआवजा राशि भुगतान वर्ष 2017 -18 में ही कर दिया गया था।लेकिन तत्कालीन एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा पीड़ित किसानों को मुआवजा वितरण नही किया गया था मुआवजा वितरण न करने का कारण पीड़ित किसानों ने बताया कि हम गरीब किसानों से तत्कालीन कोतमा एस डी एम मिलिन्द नागदेवे द्वारा मुआवजा राशि वितरण में पर व्यक्ति से 20% की मांग कर रहे थें पैसा न देने पर हम लोगों को मुआवजा नही दिया गया
इसका मतलब साफ है कि मुआवजा राशि पाने वाले 31पीड़ित किसान में से सिर्फ दो भूस्वामी अजीमुददीन भोचू एवं अश्विन कुमार त्रिपाठी को मिलिन्द नागदेवे द्वारा मुआवजा दिया गया है तो जाहिर है कि मुआवजा राशि पा चुके व्यक्तियों द्वारा तत्कालीन एस डी एम साहब 20% निश्चित लिया गया होगा तभी तो मिलिन्द नागदेवे 31 प्रभावित किसानों की सूची में से सिर्फ दो लोगों को बुलाकर चुपचाप मुआवजा राशि दे दिया गया और उसके बाद मुआवजा राशि वितरण वाली फाइल नदारद कर दी गई और जब शेष पीड़ित किसानों द्वारा ऊपर तक शिकायत करने पर जांच शुरू हो गई तो तत्कालीन कोतमा एस डी एम मिलिन्द नागदेवे अपने बचाव के लिए कहते फिर रहे कि मेरा तबादला हो गया था
जबकि सच यह है कि मिलिन्द नागदेवे द्वारा कमीशन के चक्कर में गरीब किसानों को मुआवजा वितरण नही किया गया । इसलिए पीड़ित किसानों की मांग है कि ऐसे लापरवाह व रिश्वत खोर अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ ही उनका वेतन रोककर ब्याज सहित मुआवजा राशि वितरण कराई जाएं।