पाकिस्तान में गेहूं, आटा, शक्कर के पड़े लाले नागरिक हुए परेशान।

Apna Lakshya News

By: संजीव ठाकुर


मूलतः भारत और पाकिस्तान एक दिन के अंतराल में 1947 को स्वतंत्र हुए थे। पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक की स्थिति में कभी ध्यान न देकर भारत को परेशान करने वाली नीति अपनाता रहा है। पाकिस्तान का एकमात्र दुश्मन सदैव भारत ही रहा है, जबकि भारत शांति,सौहार्द्र और गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत पर चलकर अपनी आर्थिक स्थिति को धीरे धीरे मजबूत कर पंचवर्षीय योजनाओं के चलते उद्योग व्यापार एवं मैत्री वादी नीतियों के कारण सभी देशों से मदद लेकर एक मजबूत राष्ट्र बन कर उभरा है। और पाकिस्तान सदैव वहां के सेना प्रमुख के हाथों खेलकर युद्ध नीति पर चलकर अपना आर्थिक नुकसान करता रहा, इस तरह उसका झुकाव चीन की तरफ परंपरागत रूप से रहा है। आज भी पाकिस्तान चीन के द्वारा दी गई धनराशि के सहारे अपना देश चला रहा है।

36000 करोड रुपए के कर्ज से डूबा हुआ पाकिस्तान अब केवल पचास वर्ष पूर्व आजाद हुए बांग्लादेश की विकास दर से भी पीछे हो गया है। बांग्लादेश की ग्रोथ रेट 7.4 है जबकि पाकिस्तान इससे बहुत पीछे हैं,आज पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर बहुत पिछड़ा हुआ देश माना जाता है और उसकी विकास की दर भी अत्यंत न्यून है। बेरोजगारी सिर चढ़कर बोल रही है, महंगाई चरम सीमा पर है, विपक्षी दल इमरान से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

पाकिस्तान अपनी आतंकवादी नीतियों के कारण पूरे विश्व से अलग-थलग पड़ गया है। पाकिस्तान में आटा, गेहूं और शक्कर के दाम आसमान छू रहे हैं।पवित्र रमजान के मौके पर शक्कर की त्राहि-त्राहि मची हुई है।पाकिस्तान सरकार को शक्कर अब अपने नियंत्रण वाली दुकानों के माध्यम से आम जनता को एक एक किलो शक्कर अंगूठा लगाकर प्रदाय की जा रही है। रमजान के पवित्र मौके पर शक्कर की बहुत ज्यादा खपत एवं आवश्यकता होती है, वहां घरेलू महिलाएं लाइन लग कर शक्कर लेने का प्रयास कर रही हैं, पाकिस्तान में शक्कर का उत्पादन ईतना भी नहीं है कि वह अपनी आम जनता को पूरा कर सके। वहां शक्कर का उत्पादन एकदम कम है ।

23 मार्च 21 को पाकिस्तान दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने इमरान खान को पत्र लिखकर उन्हें बधाई दी थी, उसके पश्चात 29 मार्च को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाब देकर समझौते का माहौल बनाने की बात रखी थी।दोनों सरकारों ने बातचीत कर भारत से आटा, शक्कर,मैदा और कपास के निर्यात की पेशकश रखी थी, पाकिस्तान ने सिद्धांतः सहमति भी जताई थी, एवं इमरान सरकार भारत के साथ इस मसौदे पर व्यापार करने के लिए तैयार भी था,क्योंकि यह सर्व विदित है की आटा,शक्कर और कपास भारत पाकिस्तान को बहुत कम दरों में देने को तैयार था, पर पाकिस्तान ने अचानक भारत से चीनी मैदा तथा कपास लेने के निर्णय को रद्द कर अपने सांसदों की बात मानकर कठोर फैसला ले कर यू-टर्न ले लिया था। पहली बार इतिहास में पाकिस्तान की आवाम पाकिस्तान के हुक्मरानों को कोस रही थी, एवं भारत सरकार की तारीफों के कसीदे पढ़े गए थे।

अब स्थिति यह है कि पाकिस्तान में पूरी जनता के लायक ना तो गेहूं आटा और शक्कर है,ना ही वहां की आम जनता सरकार के इस रवैये से संतुष्ट ही है। इमरान सरकार विदेशों से महंगी दर में शक्कर और आटा आयात करने के पक्ष में है, ऐसे में उसका कर्ज और बढ़ेगा वर्तमान में अपनी कट्टरपंथी नीतियों के कारण पाकिस्तान की सरकार ने घुटने टेक कर हाथ खड़े कर दिए हैं। वही एक धार्मिक संस्था लब्बैक को प्रतिबंधित कर इमरान सरकार बड़े कठिन समय से गुजर रही है।

ऐसे में पाकिस्तान में तख्तापलट की स्थिति अचानक संभावित हो सकती है। पूरे पूरे हालात को देखते हुए और पाकिस्तानी इतिहास पर नजर डालें तो, वे दिन दूर नहीं जब सेना प्रमुख कमर बाजवा इमरान सरकार को हटाकर सत्ता में आ जायेगे, इस तरह इतिहास फिर से अपने को दोह राएगा, तख्तापलट की स्थिति में भी वहां रातों-रात चीनी शक्कर का अभाव और गेहूं की किल्लत आवाम को झेलनी ही पड़ेगी।

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