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– दूषित, बदबूदार जलापूर्ति से वार्ड वासियों में तीव्र आक्रोश
– नपा पदाधिकारियों व अमले की कर्तव्यनिष्ठा पर उठ रहे सवाल
धनपुरी। नगर के हृदय स्थल वार्ड नंबर 17- 18 माइकल चौक के पास लाखों की लागत से बनी कंक्रीट रोड के नीचे बिछी वर्षों पुरानी पाइप लाइन टूट जाने के चलते पानी रोड में बहता था, नगर पालिका के द्वारा पाइप लाइन सुधार को लेकर कंक्रीट रोड को तोड़कर पाइप लाइन बदलने का कार्य किया जा रहा है। कार्य पूर्ण होने से पहले ही वार्ड में पानी सप्लाई शुरू कर दी गई जिससे सेफ्टी टैंक व नाली का बदबूदार पानी घरों में नल के माध्यम से कई दिनों से पहुंच रहा है। घरों में सप्लाई की जा रही थी गंदे बदबूदार पानी को लेकर वार्ड के लोग पार्षद और नगरीय निकाय की लापरवाही के प्रति आक्रोशित देखे गए हैं।
सीएम के नाम पर बट्टा
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत 8 वर्षों से नगरवासी शुद्ध पेयजल की आस लगाए हुए हैं लेकिन आज भी पाइप लाइन का विस्तार कई वर्ष हो चुका है लेकिन पाइप लाइन से पानी की सप्लाई अभी तक नहीं होने के चलते वार्ड के लोग परेशान देखे जा रहे हैं। सीएम के पदनाम पर चल रहे अति महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत कार्य में बढ़ती जा रही लापरवाही से न सिर्फ नगर वासियों को नित नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि राज्य के यशस्वी और संवेदनशील मुख्यमंत्री के नाम पर भी नगर पालिका की घटिया कार्यशैली द्वारा भट्टा लगाया जा रहा है।
गंदा पानी पीने से बीमारी
नगर पालिका के द्वारा चार दशक से पाइप लाइन के माध्यम से वार्डों में पानी सप्लाई की व्यवस्था बनाई गई है। वर्षों पुराना पाइपलाइन होने के चलते पाइपलाइन टूट रही है पाइप लाइन टूटने के चलते वार्डों के सेफ्टी टैंकों व नाली का बदबूदार पानी नलों के जरिए सप्लाई होने के चलते वार्ड के लोग आक्रोशित हैं, साथ ही लोगों को दूषित जल के दुष्प्रभावों के चलते नित नई बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है जिसकी जानकारी नगरीय निकाय के कर्णधार उनको भी भली-भांति है लेकिन निजी स्वार्थ और लापरवाही उनकी कर्मठता पर भारी पड़ रही है।
खौखली प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत नगर में 8 वर्षों से नगर पालिका द्वारा कार्य कराया जा रहा है, बावजूद इसके 28 सभी वार्डों में शुद्ध पेयजल की समस्या आज भी बनी हुई है। यूं तो नगर पालिका की नवगठित परिषद पेेयजल समस्या समाधान हेतु पूर्णत: कृृतसंकल्पित नजर आ रही है लेकिन मैदानी स्तर पर परिषद की यह प्रतिबद्धता खोखली ही साबित हो रही है प्रेसिडेंट इन काउंसिल के गठन के बाद हुई पहली एवं दूसरी बैठक में एकमात्र मुद्दा पानी का ही था, पानी की कहानी में ही डूबी रही पहली बैठक के बाद यह लगा कि अब नगर वासियों को शुद्ध पेयजल जरूर मिलेगा, लेकिन उसके बाद योजना के कार्यान्वयन की धीमी गति को देखकर लोगों की पानी की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
समस्या यथावत
लगभग 10 वर्षों के बाद नवगठित नगर परिषद की बैठक 1 माह पूर्व एक ही बिंदु पानी पर चर्चा हुई। बैठक में नगर पालिकाअध्यक्ष ,उपाध्यक्ष, सभी पार्षदगण, नगर पालिका सीएमओ, इंजीनियर, कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष शोभाराम पटेल की उपस्थिति में सभी ने माना कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत नगर में 8 वर्षों से 28 वार्ड में शुद्ध पेयजल की समस्या आज भी बनी हुई है और कार्य प्रणाली में सुधार लाने का वादा भी किया गया लेकिन हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं कहीं बारिश का बहाना तो कहीं कुछ और कुल मिलाकर लोगों की समस्या हल होती नहीं दिख रही है।
सर्वाधिक प्रभावित
एक माह में 28 वार्डों पानी सप्लाई
प्रेसिडेंट इन काउंसलिंग की बैठक में फिल्टर प्लांट में कार्यरत ठेकेदार को भी बैठक में बुलाया गया था ठेकेदार ने कहा था कि 1 माह के अंदर 28 वार्डों नए पाइप लाइन की सप्लाई चालू कर दी जाएगी लेकिन अभी तक पानी सप्लाई देखने को नहीं मिल रहा है।
वार्ड के लोग आक्रोशित
वार्ड नंबर 17 निवासी सुजीत जैन एडवोकेट ने बताया कि वार्ड नंबर 17 -18 में पानी सप्लाई कई दिनों से बदबूदार पानी नलों से सप्लाई की जा रही है वही वर्ड नंबर 18 के निवासी असगर हुसैन ने कहा कि पाइपलइन टूट जाने के चलते नाली का पानी पाइप लाइन के माध्यम से सप्लाई हो रही है जिससे वार्ड के लोग आक्रोशित देखे जा रहे हैं।
चेक किया है
नगरपालिका कर्मचारी रमेश ने बताया कि पाइप लाइन बदलने का काम चल रहा है इसलिए पाइप लाइन चेक करने के लिए पाइपलाइन चालू करना पड़ता है पाइप बदलने के बाद गंदे पानी सप्लाई बंद हो जाएगी।