शहड़ोल।
रद्दी पुट्ठों, घरेलू गैरजरुरती सामानों और प्लास्टिक की आड़ में कबाड़ का काला कारोबार अमलाई थाना ईलाके में चरम पर है। मुख्य मार्ग से सटे एक ठीहे पर इन दिनों कबाड़ का बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, हलांकि पुलिस को इस बात की जानकारी भी है लेकिन उक्त कबाडी पर पुलिस की मेहरबानी कुछ इस तरह है कि दिन दूना रात चौगुना को चरितार्थ करते हुये उक्त कबाडी अपनें इस कबाड़ के कारोबार का नेटवर्क सुदूर राज्यों तक में फैलानें में लगा हुआ है।
अमलाई में राजा का ठीहा
कबाड़ के बेशकीमती सामानों को बेखौफ खरीदी करनें वाले इस ठीहे की हकीकत दिखनें में तो कुछ और है लेकिन सूत्रों की मानें तो कबाड़ के ठीहे में अपना साम्राज्य स्थापित करनें वाले राजा नामक इस कबाड़ी का नेटवर्क इतना बड़ा और मजबूत है कि वह प्रति सप्ताह दो से तीन ट्रक कबाड़ छत्तीसगढ़ में खपाता है। जानकार बताते हैं तयशुदा लोगों के साथ मिलकर कबाड़ का कारोबार करनें वाला ़ह कबाडी उन सभी सामग्रियों की बेखौफ खरीद फरोख्त करता हैं जिनकी खरीदी पर प्रतिबंध है।
कोल माइंस के लोहे की खरीदी की सुगबुगाहट
अमलाई, धनपुरी के कोयलांचल क्षेत्र में कई कोयला खदानें हैं जिनमें आये दिन चोरी की घटनायें सामनें आती हैं। और कई बार बेशकीमती सामान भी चोरों द्वारा पार कर दिये जाते हैं, सूत्र बताते हैं कि चोरी के इन सामानों की खरीदी जहां कुछ नियत स्थान पर होतें हैं उनमें से राजा कबाडी का ठीहा भी शामिल है।
पुलिस की पकड़ से दूर
वैसे तो कबाड़ के कारोबार जैसे तमाम अवैध कारोबार पर अंकुश लगानें के लिये पुलिस की गस्ती होती हैं लेकिन कुशल मैनेजमैंट के चलते राजा को पुलिस का कोई खौफ नहीं है। बीट प्रभारी से सांठ- गांठ कर राजा कबाडी अपनें ठीहे को मुख्य मार्ग पर गुलजार किया हुआ है। वहीं प्रतिबंधित कबाड़ के लिये राजा अपनें घर के नजदीक एक अलग ठीहा बनाया है जहां से भी वह इस काम को करता है।