स्वास्थ्य शिक्षा के लिए हम कब तक निर्भर रहेंगे महानगरों पर – नारायण त्रिपाठी
पृथक विन्ध्य प्रदेश के मुद्दे पर आमसभा में नारायण त्रिपाठी ने उठाए कई सवाल
सतना। विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हमारा विन्ध्य सबसे अधिक राजस्व देने वाला क्षेत्र है और इस राशि से महानगरों का विकास हो रहा है, लेकिन हम जहां के तहां खड़े हैं। दुर्भाग्य तो इस बात का है कि हमें स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधा के लिए जबलपुर, भोपाल, इंदौर जैसे महानगरों की दौड़ लगानी पड़ रही है। कहने के लिए तो रीवा में एक मेडिकल काॅलेज है, मगर यहां एक न्यूरोसर्जन तक नहीं है।
उच्च शिक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि समय की मांग के आधार पर जो कोर्स होने चाहिए, वह यहां नहीं है। ऐसे में यदि विन्ध्य प्रदेश बन गया तो हम सभी मिलकर पर्याप्त संसाधन और राजस्व में स्वास्थ्य, शिक्षा, विकास के साथ आने वाली पीढ़ी को सुनहरा भविष्य दे सकते हैं जो हमारी जिम्मेदारी है।
हमारा विन्ध्य हमें वापस लौटा दो को लेकर आम जनमानस का समर्थन जुटाने चल रही मुहिम के बीच बुधवार को स्थानीय डेलौरा में सम्पन्न आमसभा को सम्बोधित करते हुए नारायण त्रिपाठी ने कहा कि रोजी-रोटी के लिए आज हमारे गरीब बच्चे और भाई मुंबई, गुजरात, इंदौर, भोपाल जैसे क्षेत्रों में मजदूरी कर रहे हैं, किन्तु विन्ध्य प्रदेश बन जाने से इन्हें अपना घर-द्वार छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि रोजगार के लिए पर्याप्त अवसर बढ़ जायेंगे।
आखिर क्यों नहीं बन सकता अलग राज्य
चेम्बर के पूर्व अध्यक्ष विवेक अग्रवाल ने कहा कि गोवा, तेलंगाना, उत्तराखण्ड जैसे छोटे-छोटे राज्य बन सकते हैं तो रीवा, शहडोल संभाग को मिलाकर आखिर अलग राज्य क्यों नहीं बनाया जा सकता ? यह एक गंभीर सवाल है। उन्होंने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों को सीमेंट जैसी जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने वाले हमारे विन्ध्य क्षेत्र में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि खनिज सम्पदा के साथ ही उद्योग जगत से यह क्षेत्र अरबों रुपयों का टैक्स शासन के खाते में जमा कर रहा है, मगर यहां उद्योगों को बढ़ावा देने की बजाय खत्म करने का काम बीते कई वर्षों से होता रहा है, जिस कारण इस क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ी है। वरिष्ठ नेता हीराजी इटमा ने कहा कि विन्ध्य प्रदेश बनाने की लड़ाई कोई आज की नहीं है। समय समय पर यह मांग उठी और दब गई। मगर मौजूदा परिस्थितियां ऐसी हैं कि अब इसे असंगठित तरीके से नहीं लड़ा गया तो हम अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ी के लिए अन्याय होगा।
सेवानिवृत्त अधिकारी सुधाकर सिंह ने कहा कि आज हमें छोटे-छोटे कार्यों के लिए भोपाल भागना पड़ता है। खास तौर पर अधिकारियों और कर्मचारियों को, ऊपर से सिफारिश के लिए भी जोड़-तोड़ करनी पड़ती है। किन्तु जब विन्ध्य हमारा प्रदेश बनेगा तो भागदौड़ करना तो दूर, काम कराने और करने वाले लोग हमारे अपने ही होंगे।
रिटायर्ड डीईओ एचएन सिंह ने कहा कि हमारा समय तो किसी तरह भी बीत गया है, किन्तु आने वाली पीढ़ी को हम उपेक्षित विन्ध्य विरासत में नहीं सौंप सकते। भरत खेड़ा एवं अनंत गुप्ता ने पृथक विन्ध्य प्रदेश की मांग के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने की अपील करते हुए कहा कि अन्य छोटे राज्यों की तरह हमे भी अपने अलग प्रदेश की जरूरत महसूस हो रही है। राजेश दुबे ने कहा कि राजनीति अपनी जगह है और विन्ध्य प्रदेश की मांग लोक हित में है, जिसके लिए सभी को एकजुटता के साथ संघर्ष करना पड़ेगा। यूथ विंग का कार्य देख रहे रितेश त्रिपाठी ने कहा कि जिस तरह से विन्ध्य प्रदेश को लेकर युवाओं में संगठित उत्साह दिख रहा है उससे यह संघर्ष निर्णायक मुकाम तक पहुंचेगा। क्योंकि हर संघर्ष में युवाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण रहती हैं। युवा नेता द्वय अतुल गौतम डब्बू एवं रज्जन त्रिपाठी ने भी सभा को संबोधित किया।
गैर राजनैतिक सभा में उमड़े लोग
डेलौरा क्षेत्र में पिछले एक लम्बे अर्से बाद गैर राजनैतिक सभा हुई, जिसमें पृथक विन्ध्य प्रदेश के मुद्दे को लेकर डेलौरा क्षेत्र से जुड़े ग्रामीण एवं आस पास के वार्डों के लोगों ने उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे ददोली पांडे ने कहा कि आज जिस तरह से हर उम्र वर्ग के लोगों ने विन्ध्य प्रदेश के मुद्दे पर समर्थन दिया है, उससे जाहिर है कि यह आंदोलन बड़ी तेजी से जमीन पर उतर रहा है। उधर आभार करते हुए आशुतोष सिंह ने कहा कि विन्ध्य प्रदेश की जरूरत हर व्यक्ति महसूस कर रहा था, मगर सार्वजनिक मंच नहीं मिल रहा था। अब मंच मिल गया है और यह लड़ाई सफल होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
समर्थन जुटाने सबसे बड़ा कार्यक्रम
सभा के दौरान विन्ध्य प्रदेश के लिए समर्थन जुटाने के लिए आगामी 25 मार्च को बी.टी.आई. ग्राउण्ड में होने वाली सबसे बड़ी सभा के सिलसिले में वरिष्ठ युवा नेता छत्रपाल सिंह छत्तू ने बताया कि जितने लोग आज खुलकर सामने दिख रहे हैं, उससे कई गुना लोग संघर्ष के लिए तैयार बैठे हैं जिन्हें सिर्फ अवसर की तलाश है। छत्तू ने बताया कि यह अवसर 25 मार्च को मिलने जा रहा है जिसमें नेता, समाजसेवी, व्यापारी, किसान, मजदूर, छात्र, फुटपाथ, ठेला व्यापारी, कर्मचारी नेता सहित तमाम वर्गों की हुजूम नजर आयेगा और सतना की धरती से ही समर्थन आंदोलन अंगड़ाई लेगा।