पाली: मध्यान भोजन स्व सहायता समूह के कमाई का बना जरिया।
मीनू के अनुरूप नहीं बनता भोजन
बिरसिंहपुर पाली….. केन्द्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी मध्यान्ह भोजन जो शासकीय विद्यालयों और आंगनबाडियों में संचालित की जा रही है ।इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पोषणयुक्त सुरूचिपूर्ण भोजन उपलब्ध कराना था , ताकि बच्चों का समुचित विकास हो और बच्चों का आंगनबाडियों और विद्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके । लेकिन यह योजना अपने मुख्य उद्देश्य से भटक कर खानापूर्ति कर स्व सहायता समूहों के लिए कमायी का जरिया बनकर रह गई है ।भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देशानुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 में पीएम पोषण अंतर्गत प्रदेश की समस्त शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं , शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं एवं मदरसों तथा राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना अंतर्गत संचालित शालाओं में विद्यार्थियों को दोपहर में पका हुआ गर्म एवं रूचिकर भोजन निर्धारित मीनू के अनुसार प्रदाय किया जाना है । जिसमें दाल , चावल , रोटियां और हरी ताजी सब्जियों का उपयोग आवश्यक है । तदानुसार पीएम पोषण के निर्धारित मेनू अनुसार प्रदाय किये जाने वाले भोजन में विविधता बनाये रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्व सहायता समूहों के पास खाद्यान्न की उपलब्धता सामान रूप से बना रहे जिसके लिए आवंटन एक माह अग्रिम के आधार पर जारी किया जाता है । मूलभूत व्यवस्था , राशि एवं खाद्यान्न के उठाव , उपयोगिता की जानकारी प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में किया जाना है ।
उल्लेखित है कि मेनू अनुसार मध्यान्ह भोजन प्रदाय किये जाने के लिए लक्षित प्राथमिक शालाओं में 100 ग्राम प्रति विद्यार्थी प्रतिदिन तथा माध्यमिक शालाओं में 150 ग्राम प्रति विद्यार्थी प्रतिदिन के मान से वांछित खाद्यान्न ( गेहूं / चावल ) उपलब्ध कराया जाता है ।
बताया जाता है कि भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय द्वारा अधिसूचित पीएम पोषण नियम 2015 के अनुसार यदि किसी भी स्कूल में लगातार 03 दिवस तक या महिने में 05 दिवस तक मध्यान्ह भोजन प्रदाय नहीं किया जाता है तो राज्य सरकार द्वारा इस हेतु जिम्मेदारी तय की जावेगी एवं संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन कई जगहों पर महिनों मध्याह्न भोजन बन्द रहता है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर से मुंह मोड़ रखें है ।
विदित होवे कि मध्याह्न भोजन के लिए गेहूँ – चावल तो शासन व्दारा प्रदाय किया जाता है उसके साथ प्रयुक्त होने वाली आवश्यक मिश्रण सामग्री जैसे नमक , दाल , तेल , मिर्च – मसाले आदि एगमार्क ब्रांड के गुणवत्तापूर्ण तथा सीलबंद डिब्बों पैकेट वाली सामग्री का ही क्रय कर उपयोग किये जाने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही साफतौर पर कहा गया है , कि खुले मसालों व तेल का प्रयोग किये जाना है । नमक डबल फोर्टीफाईड आयोडाईज्ड का ही उपयोग किया जाये ।
बताया जाता है कि इन सब के बाबजूद स्व सहायता समूह अपने मन मर्जी का राज चलाकर नौनिहालों के हक़ में डाका डाल रहे हैं ।
पिछले दिनों ग्रामीण अंचलों का भ़मण कर मध्याह्न भोजन की असलियत देखने को मिली, तो देखा गया कि कही पर भी मीनू के अनुरूप छात्र -छात्राओ को भोजन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है ।
पाली विकास खंड के आदिवासी ग्राम पंचायत कठई के सांस आंगनबाड़ी केंद्र में शिशुओं को लौकी की सब्जी और चावल खिलाया जा रहा था , जबकि वहीं विद्यालय में बच्चों को दाल चावल और सब्जी परोसा गया। इस प्रकार एक ही परिसर में अलग अलग भोजन परोसा जाना जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली को उजागर करता है ।आगे गढरौला में बच्चों को आंगनबाड़ी और विद्यालय दोनों जगहों पर लौकी की सब्जी और चावल खिलाया जा रहा था ।ग्राम पंचायत कांचोदर में विद्यालय के बच्चे अपनी थालियां धोते हुए मिले । इस तरह देखा जाये तो मध्यान्ह भोजन के नाम पर शासन शासकीय धन राशि की गंगा बहाते नजर आ रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से बच्चों के नाम पर स्व सहायता समूहों का खूब विकास हुआ है , लेकिन बच्चे आज भी कुपोषण की भयावहता से ऊपर नहीं उठ पा रहे हैं ।
ध्यान देने योग्य है कि बच्चों को पोषणयुक्त स्वरूचि भोजन का उद्देश्य आज तक उन नौनिहालों तक न पहुंचने के पीछे असली गुनहगार कौन है , यह तो गंभीर जांच का बिषय है लेकिन आज तक बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास न हो पाना हर एक आंख को खटकता है । नवागत कलेक्टर से अपेक्षा है कि जिले भर में चल रहे मध्यान्ह भोजन का जायजा आंगनबाड़ियो और विद्यालयों में पहुंच कर अपने आंखों से देख , परख कर उसे पटरी पर लाने का कारगर कदम उठायेंगे ।
गढरौला में अतिथि शिक्षक गायब
प्राथमिक विद्यालय गढरौला में बैगा समुदाय के बच्चे अध्ययन रत है , जिसमें कक्षा पहली से लेकर पांचवीं तक कुल 24 छात्र -छात्राऐ दर्ज है , जहां पर एक गुरूजी और एक अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं । अतिथि शिक्षक लाल जी यादव विद्यालय से अनुपस्थित पाए गए ।बताया जाता है कि जमुहाई से प्रतिदिन आने वाले यह अतिथि शिक्षक बहुधंधी है यह एकल विद्यालय में भी अध्यापन कार्य कराते हैं , साथ ही कियोस्क बैंक संचालित करने की बात बताई जाती है।