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शहडोल सांसद का ससुराल 75 साल से बेहाल ,4 वर्षों से गुमशुदा सांसद को दीया बाती लेकर ढूंढ रही जनता?

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मोदी सरकार की लाडली शहडोल सांसद का संसदीय क्षेत्र की जनता से हुआ मोहभंग , 4 वर्ष बीत गए दर्शन हो गए दुर्लभ , सांसद बहू को दीया बाती लेकर ढूंढ रही है दारसागर की जनता , कोतमा विधानसभा के जननायक कांग्रेस विधायक सुनील शराफ क्या बने विकास में रोड़ा ,पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं आदिवासियों के मसीहा गांव में बहाई विकास की उल्टी गंगा , शिवराज प्रदेश के दोनों मंत्री अनूपपुर जिले में तैनात फिर 3 किलोमीटर सड़क कोसों दूर।

अपना लक्ष्य। अरूण त्रिपाठी कोतमा

केंद्र की मोदी सरकार एवं प्रदेश की शिवराज सरकार भले ही गांव के अंतिम छोर तक विकास कार्यों पर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है किंतु ऐसा प्रतीत होता है भाजपा की नेत्री शहडोल सांसद अपने ही संसदीय क्षेत्र से विगत 4 वर्षो से गुमशुदा हो गई। शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह जब कांग्रेस के पंजे के निशान को टाटा बाय-बाय कर भाजपा की सदस्यता ली , भाजपा ने शहडोल संसदीय क्षेत्र से हिमाद्री सिंह को प्रत्याशी बनाया और शहडोल संसदीय क्षेत्र की आम जनमानस ने 2019 में उन्हें प्रचंड जीत का उपहार दिया जिससे शहडोल संसदीय क्षेत्र का समुचित विकास हो सके, किंतु शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता जनार्दन को मूलभूत सुविधा व विकास मिलना तो कोसों दूर,बल्कि जनता जनार्दन के साथ विकास के नाम पर छलावा कर कुठाराघात बीते 4 वर्षों से होता चला रहा है। शहडोल संसदीय क्षेत्र में विकास की उल्टी गंगा बह रही है शहडोल क्षेत्र की जनता जनार्दन मोदी सरकार की लाडली सांसद हिमाद्री सिंह की एक झलक, दर्शन के लिए के लिए तरस रही है,जनता पूछ रही कहां है हमारा विकास , शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह को राजनीति विरासत में मिली उनके पूज्य पिता एवं माता जी कांग्रेस के एक कद्दावर नेता जाने जाते थे। शहडोल संसदीय क्षेत्र में वर्तमान सांसद के पूज्य पिता एवं माता जी द्वारा कांग्रेस की सरकार में कई ऐतिहासिक विकास कार्य किए गए जिसे क्षेत्र की जनता आज भी सराह रही है किंतु जब 23 सितंबर 2018 को भाजपा कांग्रेस की शादी हुई और 2019 में हिमाद्री सिंह शहडोल सांसद बनी तब से समूचे संभाग में विकास पर ऐसा ग्रहण लगा जिससे समूचे क्षेत्र की जनता कराह रही हैं।

दारसागर के मुख्य मार्ग बना राजनीति का अखाड़ा-

शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह पुश्तैनी निवासी , मायका राजेंद्रग्राम, विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ वही ससुराल कोतमा विधानसभा का ग्राम पंचायत दारसागर है। वही सांसद के पति एवं भाजपा के आदिवासी नेता नरेंद्र मरावी का जन्म स्थान दार सागर है फिर भी ग्राम पंचायत दार सागर विकास के लिए तरस रहा है। सांसद के ससुराल दारसागर में आम जनता को मूलभूत सुविधाओ से आज भी वंचित रहना पड़ रहा है । इससे दुर्भाग्य की बात और क्या होगी एक ओर मोदी सरकार मंत्री एवं सांसदों को अपने क्षेत्र के एक गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए गोद लेने की अपील की थी किंतु सांसद महोदय का ससुराल आज भी अपनी बदहाली के लिए रो रहा है , ग्राम पंचायत दारसागर से सोहीबेलहा , पयारी नं 2, निमहा , चुकान , मझौली बाड़ीखार ,बगडुमरा , बरतराई ,आमाडांड और ऐसे दर्जनों गांव को जोड़ने वाले मुख्य सड़क मार्ग से 24 घंटे जनमानस का आवागमन बना रहता है । किंतु 70 साल बाद भी उक्त मार्ग में आरसीसी एवं डामरीकरण सड़क अब तक नहीं बन सकी, लोग बरसात के दिनों में जान जोखिम में डालकर 3 कि.मी. कीचड मलबे से होकर उस मार्ग से आना जाना करते हैं किंतु सांसद बहूँ को गाँव की जनता पर दया नही आती , ग्राम पंचायत दार सागर में बने उप स्वास्थ्य केंद्र खुद बीमार पड़ा है बिन डॉक्टर के कागजों में हो रहा उपचार , शुद्ध पानी के लिए तरस रहे ग्रामवासी क्या यही है सांसद महोदय का सबका साथ सबका विकास।

सांसद हिमाद्रि सिंह और पति नरेंद्र मरावी

कांग्रेस के दो- दो विधायक ,भाजपा नेता पूर्व आयोग के अध्यक्ष जनता को देते रहे लालीपॉप-

दारसागर ग्राम पंचायत से लगी 3 कि.मी. कच्ची दलदल सड़क मार्ग जो दर्जनों गांव को जोड़ती है लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी सडक बन न सकी ,ग्रामीणों ने बताया कि चुनावी बेला मे कई राजनैतिक दलों के नेता गांव के लोगों को 3 किलोमीटर की दलदल सड़क बनाने का लालीपाप थमाते रहे है , एक से बढकर एक भाजपा ,कांग्रेस के धुरंधर नेता मंत्री, विधायक, सांसद, सड़क बनाने का वादा किया लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद दोबारा कोई झांकने तक नहीं आया । पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं अनूपपुर के प्रभारी मंत्री भाजपा नेता हरिशंकर खटीक 2008 में चुनाव के वक्त गांव के लोगों को 8 दिन में सड़क बनाने का वादा किया लेकिन 8 दिन 14 वर्ष वनवास के बीत जाने के बाद भी मंत्री जी के वह 8 दिन लौट कर नहीं आए , वही कोतमा विधानसभा के पूर्व विधायक एवं कांग्रेसी नेता पूर्व विधायक मनोज अग्रवाल ने भी सड़क मार्ग निर्माण के नाम पर ऐसे ही ग्रामीण वासियों के साथ वादाखिलाफी ,धोखा छलावा मे पीछे नही रहे 5 साल विधायक जी के बीत गए लेकिन विधायक जी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी । वही कांग्रेस के कोतमा विधानसभा के लाडले जननायक वर्तमान विधायक सुनील शराफ ग्रामीण जनो को अपने चुनाव के वक्त वोट लेने की खातिर सड़क बनाने के लुभावने वादे तो कर दिए गए लेकिन विधायक जी वादाखिलाफी में अन्य नेताओं से चार कदम आगे निकले , दुर्भाग्य की बात इससे ज्यादा क्या हो सकती है कि दारसागर गांव के आदिवासी भाजपा नेता सैकड़ों बार स्थानीय लोगों से सड़क निर्माण बनाने का वादा किया किंतु आदिवासियों की आवाज बनने वाले भाजपा नेता नरेंद्र मरावी मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग मध्यप्रदेश शासन भोपाल के कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा पाने वाले नेता अपने पुश्तैनी गांव की 3 किलोमीटर सड़क का निर्माण ना कर सके ऐसे कब तक आदिवासी नेता आदिवासियों का चोला ओढ़कर आदिवासियों का दोहन कर मलाईदार कुर्सी मे विराजमान रहेगें ।

कोतमा विधायक सुनील सराफ

प्रदेश के 2 मंत्री जिले में , फिर भी विकास पर छाया अंधेरा-

प्रदेश की शिवराज सरकार ने दो मंत्रियो की ताजपोशी अनूपपुर जिले में कर रखी है किंतु धरातल पर जिला पंचायत अनूपपुर मुख्यालय बदरा विधानसभा कोतमा के ग्राम पंचायत दारसागर के विकास पर अंधकार छाया है आजादी के 75 वर्ष बाद भी गांव की मुख्य सड़क मार्ग जो कई गांवों को जोड़ती है उसे बनाने में सभी राजनीतिक दलों के नेता हीला हवाई करते रहे मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्यप्रदेश शासन के बिसाहूलाल सिंह एवं जिले की प्रभारी मंत्री मीना सिंह को नहीं है दलदली सड़क से गुजरने वाले नौनिहाल मासूम बच्चे एवं विद्यार्थियों की चिंता । आखिर दारसागर मैं कब होगा विकास का सूर्योदय , टकटकी लगाकर देख रही है दारसागर की जनता ।

खाद्य मंत्री बिसाहू लाल और अनूपपुर प्रभारी मंत्री मीना सिंह

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