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करोना है कि जाता ही नहीं, अमेरिका, चीन, रूस और जर्मनी में कोविड-19 का कहर |

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(अमीर देशों में बूस्टर डोज लगने से विश्व में असमानता फैली)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेडरोस अघनम ने अमेरिका, चीन ,रूस, जर्मनी, तथा अन्य देशों में कोविड-19 के संक्रमणके कहर पर गहरी चिंता जताई है। कोरोना वायरस अभी भी कई देशों में कहर बरपा रहा है। विभिन्न देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कई वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता जताई है। जॉन हापकिंस यूनिवर्सिटी ने पूरे विश्व में करोना संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 2 अरब 52 करोड़ 90 लाख से ऊपर की बताई है, जबकि कोविड-19 के संक्रमण से पूरे विश्व में लगभग 50 लाख लोग मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। कोविड-19 सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला देश बाहुबली अमेरिका ही है ।

यहां विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा संक्रमण तथा मौतों का रिकॉर्ड दर्ज है। मृत्यु के मामले में अमेरिका 7 लाख 65 हजार दूसरे नंबर पर भारत 4 लाख 44 हजार और तीसरा नंबर पर ब्राजील 2 लाख 19 हजार मृत्यु संख्या के साथ खड़ा है। मृत्यु के मामले में अमेरिका,भारत ब्राजील के बाद मेक्सिको, रूस, पेरू, इंडोनेशिया यूके , कोलंबिया फ्रांस और अर्जेंटीना आते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 संक्रमण के टीकाकरण को लेकर गहरी चिंता जताई है। विश्व स्वास्थ संगठन के महानिदेशक ने बताया कि गरीब तथा विकासशील देश प्रतिदिन लोगों को जितनी प्राथमिक डोज़ दे रहे हैं उस से 6 गुना ज्यादा बूस्टर इंजेक्शन अमीर देश अपने नागरिकों को दे रहे हैं। इस बड़ी असमानता की खाई को रोकने के लिए उन्होंने बड़ी चिंता जताई है।

उन्होंने कहा कि अमीर देश कॉविड 19 संक्रमण रोधी वैक्सीन का भंडारण कर रहे हैं वह वैश्विक समाजवाद के विरोध में है। इसके भंडारण को रोकना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उस भंडारण के चलते गरीब और कम आय वाले देशों में बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों ,फ्रंटलाइन वर्कर और अत्यधिक जोखिम वाले समूह के लोगों के लिए वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। सितंबर में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक ने बूस्टर डोस पर रोक लगाने का आह्वान किया था, कुछ दिनों तक रोक लगने के बाद बड़े अमीर देश जैसे जर्मनी,इजरायल, कनाडा,फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका अपने नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने का कार्यक्रम लगातार चलाते आ रहे हैं उनकी जानकारी के अनुसार विश्व के 92 देशों ने नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने की पुष्टि की है ।

यह एक चिंताजनक वैश्विक स्थिति है, इसमें एक भी निम्न आय वाले देश नहीं है। दुनिया में अमीर देशों में कोविड-19 रोधी वैक्सिंग 2.85 करोड़ लगाई जा रही है और इससे एक चौथाई 69 लाख बूस्टर डोज होती है, जबकि निम्न आय वाले देशों में प्रतिदिन 11 लाख प्राथमिक वैक्सीन लग पाती है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन बोर्ड की ओर से बताया गया कि अमेरिका में 65 साल से ऊपर के हर तीसरे व्यक्ति को बूस्टर डोज लगाया जा रहा है जबकि गरीब देशों में लोगों को प्रथम इंजेक्शन भी नहीं मिल पा रहा है।

इस विषमता की खाई को मिटाने के लिए विश्व स्वास्थ संगठन लगातार प्रयास कर रहा है कि कोविड-19 के संक्रमण को विश्व के अन्य देशों में फैलने से रोका जाए, खासकर उन कम आय वाले देशों में जहां संसाधन की बहुत ज्यादा कमी है। भारत के संदर्भ में भारत में रोज लगभग 15 हजार संक्रमित मरीज दिल्ली,मुंबई, कोलकाता,बेंगलुरु, चेन्नई और केरल में पाए जा रहे हैं। लगभग 500 लोग इस संक्रमण से मौत के मुंह में समा रहे हैं। भारत में यदि फिर संक्रमण फैलता है तो विशाल जनसंख्या वाले देश के लिए एक बड़ी चुनौती तथा चिंताजनक परेशानी होगी। इससे पहले की भारत में कोविड-19 संक्रमण की लहर फिर से पहले जैसी फैले, भारतीय जनमानस को इसके लिए तैयार होकर विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा दी गई गाइडलाइंस का पूर्णता पालन करना होगा। अन्यथा फिर भयावह स्थिति आने की संभावना होगी।

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