[छत्तीसगढ़ बिलासपुर के दयावती हास्पीटल का मामला]
By: श्रीराम शुक्ला
बिलासपुर।आपदा में लोग अवसर का फायदा कैसे उठाते हैं यह बिलासपुर की दयावती हॉस्पिटल के मनमाने लूट के कारोबार से सामने आया है। उक्त हास्पीटल द्वारा की गई अधिक बिलिंग की शिकायत सबूत सहित आजकल सोशल मिडिया पर सुर्खियां बनी हुयी हैं, हॉस्पिटल का बिल देखने से पता चलता है कि स्कूलों की तरह हॉस्पिटल में एडमिट होते ही एडमिशन शुल्क पांच हजार रुपये लिया गया है ?
ये एडमिशन शुल्क होता क्या है
इसकी कोई कंज्यूमर एक्ट में स्थायी विधिमान्य परिभाषा नही है ! उक्त वायरल बिल का सूक्ष्म अवलोकन करें तो पायेगे कि एक ही डॉक्टर यदि सामान्य वार्ड में कदम रखता है तो फीस के मायने बदल जाते है ? और नर्सिंग चार्ज भी बिल में 3 बार शुल्क दर्शाया गया है, बेड चार्ज, आइसोलेशन चार्ज के साथ दवा क्या दी ? कोई उल्लेख नही है, कितने दिन का बिल है, कोई उल्लेख नहीं है, जो चार्ज मन में आया बिल में चार्ज कर दिया! देखा जाय तो प्रथम दृष्टया ही अधिक बिलिंग प्रतीत होती है ! जब सभी चार्जेस अलग अलग दर्शाये गये हैं तो फिर आइसोलेशन चार्ज कहाँ से आता है। जनहित में मनमाना वसूली की जांच पडताल कर पीड़ित को राहत दिलाते हुये अधिक बिलिंग पर सम्बन्धित दयावती हॉस्पिटल पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिये जिससे ऐसी लूट की पुनरावृत्ति अन्य हास्पीटल न कर पाएँ !