Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.

क्या करोना संक्रमण हर साल अपने को दोहराएगा?

0

By: संजीव ठाकुर 

Apna Lakshya News
वैज्ञानिकों के अनुसार कॅरोना नष्ट होने वाला वायरस नहीं है। जिस तरह अन्य वायरस एंटीबॉडी से नष्ट हो जाते हैं,यह उस तरह का वायरस नहीं है,यह वायरस अन्य वायरस पैदा कर अपनी शक्ति को दुगना कर सकता है।और लोगों को संक्रमित करता रहेगा।ऐसे में मैं सरकार को चाहिए कि कॅरोना संक्रमण को आपदा प्रबंधन की सूची मैं शामिल कर वर्षभर इसका इलाज करना होगा एवं पूरे वर्ष आमजन को इससे सावधान बचाव की कोशिश करनी होगी।तब जाकर इस पर नियंत्रण किया जा सकेगा। करोना नेअब भयानक रूप ले लिया है। देश में कॅरोना संक्रमित लोगों की संख्या कई लाख से ऊपर जा चुकी है, और मौतों का आंकड़ा भी भयानक और डराने वाला है, अब केवल वैक्सीनेशन ही अंतिम उपाय शेष रह गया है। सरकार को चाहिए कि वैक्सीनेशन को युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर लोगों की जान की रक्षा की जाए।

सक्षम तथा अमीर लोगों को स्वैक्षिक रूप से सरकारी अस्पतालों को छोड़कर नर्सिंग होम, प्राइवेट हॉस्पिटल से ख़रीद कर टीके लगवाएं, ताकि आमजन को ज्यादा से ज्यादा संख्या में मुफ्त में वेक्सीन का फायदा मिले एवं ज्यादा संख्या में आमजन व्यक्तिनेशन करवा कर अपनी जिन्दगी का बचाव कर सके। अब सरकार और आम जनता को एकदम सचेत और अत्यंत सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि विदेशों से आने वाले नागरिकों से नए वर्शन के वायेरेंट वायरस मिले हैं ।अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में देश में आने पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जांच के दौरान ऐसे कई मरीज मिले हैं, जिनमें नए वेरिएंट के वायरस की पुष्टि हुई है। इसमें महाराष्ट्र से ही अनेक मरीज बिल्कुल नए वैरीअंट के करोना पॉजिटिव पाए गए हैं।केंद्रीय सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से बताया कि देश के 18 राज्यों में करोना के कई प्रकार के वैरीअंट मिले हैं,करोना वायरस का एक नया डबल म्युटेंट वैरीयेट प्राप्त हुआ है।

जो कि सरकार तथा आम नागरिकों के लिए बड़ी चिंता का विषय वन गया है। करोना वायरस का यह नया म्युटेंट लंदन,अमेरिका तथा अन्य देशों में भी पाया गया है।करोना कि यह खतरनाक दूसरी लहर ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है ।भारत में नए केसेस की संख्या लगभग चार लाख के करीब हैऔऱ भारत में सबसे ज्यादा कोविड-19 के मरीज महाराष्ट्र, गुजरात, तमिल नाडु, राजस्थान,मध्य प्रदेश, गोवा तथा दिल्ली में पाए गए हैं। इस वर्ष देश में 1 दिन में रिकॉर्ड 53,526,संक्रमित नए मरीज पाए गए हैं, जोकि स्वास्थ विभाग का ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए काफी है।                           

       पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया सहित भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, महाराष्ट्र में एक बिल्कुल अलग किस्म का वेदांत मिला है महाराष्ट्र में 1ई484 क्यू और एल452आर वैरीअंट वायरस का पता चला है ।उल्लेखनीय है कि इस नए वेरिएंट वायरस के बारे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताया गया कि यह वैक्सीन के प्रभाव सरचना से बच के इम्यून सिस्टम को ध्वस्त करके अपनी संक्रामक को बढ़ाता है, और वैरीअंट संक्रामकता को तेजी से बढ़ाने में सक्षम होता है।

ऐसे में भारत जैसे देश जिसकी जनसंख्या 131 करोड़ है, को जल्द से जल्द वैक्सीन लगाने की पर्याप्त व्यवस्था भी केंद्र सरकार के पास उपलब्ध नहीं है, पूर्व गाइडलाइन से परे हटकर एक नई गाइडलाइंस जारी की है, जिसमें 45 साल से ऊपर के व्यक्ति को वैक्सीनेशन किया जा सकेगा, क्योंकि कई राज्यों में वैक्सीन रखे रखे खराब भी होने की स्थिति बन गई है, और 10 लोगों की क्षमता वाले एम्पुल खोलकर कम लोगों को लगाने से वैक्सीन की समय सीमा खत्म होने होने से प्रभावहीन हो जाती है। भारत के लोगों में वैक्सीनेशन की बहुत ज्यादा जागरूकता भी नहीं है। लोग अभी भी इसके वैक्सीनेशन के बाद के असर का इंतजार कर रहे हैं


और वैक्सीन लगाने से परहेज करने की प्रवृत्ति लोगों में फैल रही है। ऐसे में सरकार सिर्फ दवाइयां और इसके बचाव के लिए दिशा निर्देश भी जारी कर सकती है,क्योंकि संपूर्ण जिम्मेदारी तो आमजन तथा व्यक्ति विशेष पर है। समय समय पर पर साबुन से हाथ धोना, सदैव मास्क लगाए रखना और भीड़भाड़ के इलाके में ना जाने की सावधानी ही इस खतरनाक वायरस से देश के नागरिकों को बचा सकती है। करोना की पहली लहर के बाद सरकारें और देश के नागरिक बड़ी लापरवाही से यह समझ कर कि करोना खत्म हो चुका है, सारे दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में लग गए थे,और अभी पांच राज्यों के चुनाव में रैलियों तथा आम सभाओं में देश के दिग्गज नेताओं के सामने ही जो मेडिकल गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ रही हैं उस पर कोई अंकुश अथवा नियंत्रण लगाने वाला भी नहीं है । वैसे भारत तथा इंग्लैंड के बीच हुए मैचों में भी अहमदाबाद के स्टेडियम में लोगों की भीड़ से बड़ी संख्या में लोगों को भी करोना फैला है।      

  महाराष्ट्र राज्य तो कोविड-19 के ज्वालामुखी के विस्फोट पर बैठा हुआ है, वहां प्रमुख शहरों में लॉकडाउन लगा दिया गया है, मुंबई की स्थिति बड़ी भयावह है, वहां करोना नियंत्रण से बाहर हो चुका है और वहां की सरकार पर राजनीतिक संकट छाया हुआ है ऐसे में भारत सरकार को विशेष सावधानी रख कॅरोना पर नियंत्रण रखना होगा।इसी तरह मध्यप्रदेश के बड़े शहरों की स्थिति भी कोविड-19 के संक्रमण से अनियंत्रित और चिंतनीय हो गई है। यदि जनता ने सहयोग नहीं किया तो कोविड-19 का दूसरा विस्फोट लाखों लोगों की जान लेने से नहीं चुकेगा। देश के ग्रामीण क्षेत्रों को यदि छोड़ दिया जाए, जहां करोना की लहर कम है, शहरी क्षेत्रों में पढ़ी-लिखी जनता भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का खुलेआम मजाक उड़ा रही, यदि पढ़े लिखे,शिक्षित लोग ही इस वैश्विक कॅरोना संक्रमण काल में इस तरह का व्यवहार अपने अनुपालन में लाएंगे,तो ग्रामीण अशिक्षित लोगों को क्या उदाहरण पेश कर पाएंगे।

करोना के संक्रमण से बचने का यही एक उपाय है कि आम नागरिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन कर एक अच्छे और शिक्षित और जिम्मेदार नागरिक होने का उदाहरण पेश करें, एवं अमित तथा सक्षम लोगों को चाहिए की दिल बड़ा करके 45 वर्ष के ऊपर के परिवारजनों को प्राइवेट अस्पतालों नर्सिंग होम से खरीद कर वैक्सीन लगवाएं एवं सरकारी मदद से उपलब्ध मुफ्त की वैक्सीन आम जनों के लिए जो पैसा देकर वैक्सीन लगाने में सक्षम नहीं है उनके लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करें।


क्योंकि कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करने के अलावा वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय रह गया है। जिससे मनुष्य के जीवन की रक्षा हो सकती है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.